जनकपुरधाम।वैदेशिक रोजगारीको क्रममा मृत्यु भएका स्वराजी स्व बिनोद यादवको श्रद्धाञ्जली सभालाई जनमत पार्टीका केन्द्रिय अध्यक्ष डा सीके राउत सम्बोधन गरेको छ।
बिहिवार धनुषाको गणेशमान चारनाथ नगरपालिका वडा नं.९ बरमझियाको नहरचौक स्थित रहेको फुटबल ग्राउन्डमा आयोजित श्रद्धाञ्जली सभामा डा सीके राउतले राखेको मन्तव्य यस प्रकारको छ।
– स्टेज पर जो दो तस्वीरें लगी है वैदेशिक रोजगार के क्रम में साउदी अरब में मृत्यु हुये स्व. विनोद यादव और बाँके जिला से गिरफ्तार होकर पुलिस कस्टडी में हत्या किये गये शहीद स्व. राम मनोहर यादव की, वे प्रतिनिधि है। एक तस्वीर के पीछे हजारों तस्वीर मौजूद है।
– पिछले १० वर्ष में ६७०८ आदमी की लाश बक्से में बंद होकर आई। पिछले साल ७५३, उससे पिछले साल ८२१। पिछले दो महिने में १२४। हर दिन २ लाशें आ रही है। इसका जिम्मेबार कौन ? स्वदेश में रोजगारी नहीं मिलने का जिम्मेबार कौन ? १०० आदमी शहीद हुये तो उनके लिए शहीद स्मारक बनाने से लेकर ५० लाख क्षतिपूर्ती देने की बात हुई, वह हरेक पार्टी का एजेन्डा बना, परन्तु हमारे हजारों लोग जो विदेस में मर रहे हैं, वह किसी पार्टी का एजेन्डा क्यों नहीं बनता ? उस पर कोई गीत क्यों नहीं बजती ? उस पर नारे क्यों नहीं लगाये जाते ?
– वैदेशिक रोजगार में नेपाल के सभी जिलों में से #धनुषा से सबसे ज्यादा लोग जाने पर मजबूर होते हैं। वैदेशिक रोजगार में जानेवालों में से नेपाल के शीर्ष १० जिलों में ९ जिला मधेश का ही है। आखिर क्यों ? ये सिलसिला कब तक चलेगा ? पहले तो केन्द्रिय सरकार नहीं करते थे, अब तो प्रदेस और स्थानीय सरकार भी है ? दो वर्ष से ज्यादा से चलाये, तो कहाँ पर कितने हजार लोगों को नौकरी दिये ? सिर्फ भ्रष्टाचार, दमन शोषण अत्याचार करने के लिए ही हैं ये पार्टियाँ ?
– वैदेशिक रोजगारी से हमारा कोई लाभ नहीं हो रहा है, हम सिर्फ बिक रहे हैं, अपने को बेच रहे हैं, अपना घर-परिवार को बरबाद कर रहे हैं। अगर लाभ होता तो गरिबी घटती। परंतु आज मधेश में गरिबी बढ रही है। HDI प्रदेश नं २ के ८ में से ७ जिलों में नीचे की ओर जा रहा है। विकास की क्या बात करें, यहाँ तो हमारा देह ही क्षीण हो रहा है। ५९% बच्चे और ५८% महिलाओं की शरीर में खून की कमी है। असमय पर ही वे वृद्ध होकर मर रहे हैं।
– वैदेशिक रोजगारी में से आये आय में से ७९% दैनिक खर्च में ही चला जाता है, ७% ऋण चुक्ता करने, ६.५% ही बचत होता है, और उसमें भी मुश्किल से २-३% लगानी हो पाता है। ऐसे में हमारा समाज क्या तरक्की करेगा ? बस खून पसीना बेचकर, अपना स्वास्थ्य बेचकर, सिर्फ हम पेट भृ रहे हैं, और बाद में बिमार होकर बरबार हो रहे हैं।
– जो कुछ बचता भी है, वह नेपाल सरकार कर के नाम पर छीन कर ले जाते हैं। ५० हजार का एक मोटरसाइकल खरीदने के लिए १.५ लाख देना पडता है, यानि १ लाख सरकार ऐसे हाथ से छीन लेता है। २० लाख का स्कोरर्पियो खरीदने के लिए ६० लाख लेता है, यानि अपनी कमाई में से एकमुष्ट ४० लाख नेपाल सरकार ऐसे छीन लेता है। और बदले में क्या देता है ? जब तक विनोद यादव जिन्दा था, तब तक उनसे भी इसी तरह कर के नाम पर लाखों लाख सरकार लेती रही। आज वे गुजर गये, तो उनके इन नाबालिग बच्चों के लिए सरकार कितने लाख दे रही है, क्या व्यवस्था कर रही है, उनकी शिक्षा स्वास्थ्य रोजगारी के लिए क्या सोच रही है ?
– इसलिए आप सही जनप्रतिनिधि चयन करें। सही पार्टी चयन करें। जिन पार्टियों को आपने बार-बार आजमाकर देख चुके हैं, जिसकी सरकार को आप देख चुके हैं, वह नाकाम और डेट-एक्सपायर हो चुका है। वह कुछ नहीं कर सकता आपको पूरा प्रमाण ही मिल चुका है। एक बार नहीं, बार बार। फिर आप उन पुरानी पार्टियों के दलदल में मत फँसे, वहाँ से बाहर निकलें। यह आपके लिए प्रायश्चित् का भी अवसर है।
– जनमत पार्टी को आप साथ दें। ये ही जनता-राज कायम करेगी, ये ही भ्रष्टाचार को उन्मूलन करेगी, ये ही १०ओं लाख मधेशियों को रोजगारी यहीं देगी।